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The Kerala Story को ले कर विवाद क्यों, जानिए सबकुछ

दरअसल पूरा विवाद 32 हजार के आँकड़े को ले कर है। जिस ने राजनीति और समाज को दो धड़ों में बांट दिया है. 

The Kerala Story: आज बात करेंगे केरल से 32 हज़ार लड़कियों के लापता होने का दावा करने वाली फ़िल्म  The Kerala Story कई जिस ने राजनीति और समाज को दो धड़ों में बांट दिया है.  एक धड़ा फ़िल्म को प्रोपेगैंडा कहकर ख़ारिज कर रहा है तो दूसरा धड़ा इसे केरल की ज़मीनी सच्चाई बता रहा है.

दरअसल पूरा विवाद 32 हजार के आँकड़े को ले कर है।  फिल्म के टीज़र में यह दावा किया गया कि केरल की 32,000  महिलाओं का जबरन धर्म परिवर्तन किया गया, जो बाद में आतंकवादी ग्रुप ISIS में शामिल हो गईं।

सब से पहले सुनिए फिल्म की कहानी।  शालिनी उन्नीकृष्णन… केरल की एक लड़की है जो घर से आंखों में सपने लेकर निकलती है कि वह नर्स बनेगी और लोगों की सेवा करेगी. लेकिन ट्रेनिंग के दौरान कब हिजाब, मजहब, जिहाद उसकी जिंदगी का हिस्सा बन गए,  कब उसे शालिनी फातिमा बना दिया गया उसे पता ही नहीं चला. इस तरह ISIS  की चंगुल में पूरी तरह फंसी एक लड़की का मिशन,   सेवा से हटकर आतंक बन गया. यही स्टोरी लाइन है फिल्म ‘ द केरला स्टोरी ‘ की, जिसके टीजर ने देशभर में एक नए विवाद की नींव रख दी है.

The Kerala Story को ले कर विवाद क्यों, जानिए सबकुछ

अब समझते हैं की आखिर इस फिल्म को ले कर विवाद क्यों खड़ा हुआ।  3 नवंबर 2022 को सन शाइन पिक्चर्स द्वारा यू ट्यूब में जारी किए गए टीज़र में द केरला स्टोरी दावा करती है कि केरल से 32000 हिंदू और ईसाई लड़कियों का जबरन धर्म बदला गया और उन्हें ISIS में शामिल होने के लिए देश से बाहर भेज दिया गया.

इसे लेकर फिल्म के डायरेक्टर सुदीप्तो सेन से सवाल पूछा गया. उन्होंने एक इंटरव्यू में  कहा  कि ” साल 2010 में केरल के तत्कालीन सीएम ओमन चांडी ने विधानसभा के सामने एक रिपोर्ट रखी थी. उन्होंने कहा था कि हर साल लगभग 2,800 से 3,200 लड़कियां इस्लाम धर्म अपना रही हैं. बस इससे अगले 10 सालों का हिसाब लगा लें. ये संख्या 30 से 32 हज़ार होती है.’

 लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ओमन चांडी ने 2010 में नहीं, बल्कि 25 जून 2012 को इस मसले पर बयान दिया था.  इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में इस बयान का जिक्र भी है. इसमें लिखा है कि ओमन चांडी ने अपने बयान में ये नहीं बोला कि केरल में हर साल 2,667 लड़कियों का इस्लाम में धर्म परिवर्तन हुआ. उन्होंने जो आंकड़ा दिया वो करीब साढ़े छह साल का था. यानी उस समय तक जब यह बयान दिया था, केरल में साढ़े छह साल में 2,667 लड़कियों ने इस्लाम धर्म अपनाया था.

दोस्तों 32 हजार कोई छोटा आंकड़ा नहीं है। केवल एक राज्य केरल में अगर 32 हजार महिलाएं गायब हो जाएं, उनके साथ लव-जिहाद हो जाए,  उन का धर्म परिवर्तन करा दिया जाए और वोह आतंकी संगठन का हिस्सा बन जाएँ तो समाज में उथल-पुथल मच जाएगी, और यह मुद्दा केवल केरल का ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बन जाएगा.

लेकिन यहाँ आंकड़ों को ले कर बढ़ते विवाद को देखते हुए फिल्म निर्मता ने यू टर्न ले लिया । एक मई 2023 को जब फिल्म का ट्रेलर रेलीज़ हुआ तो उस में बदलाव कर दिया गया। जहां पहले 32,000 महिलाओं के जबरन धर्म परिवर्तन कराने की बात कही गई थी, वहीं अब नए संस्करण में कहा गया है कि तीन महिलाओं को ब्रेन वॉश कर धर्म परिवर्तन कराया गया था। जिसके बाद उन्हें आंतकी मिशनों पर भेजा गया था।

लेकिन फिल्म कई की लीड एक्ट्रेस अदा शर्मा ने फिल्म में 32,000 लड़कियों के गायब होने के नंबर के गलत होने और बढ़ा-चढ़ाकर बताए जाने पर रिएक्ट किया है। ANI से बात करते हुए कहा कि फिल्म में 32,000 लड़कियों के गायब होने का आंकडा बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताया गया है। मैं खुद उन लड़कियों से मिल चुकी हूं जिन्होंने इस डरावनी कहानी को न सिर्फ जीया है बल्कि अपने साथ होते भी देखा है।

The Kerala Story को ले कर विवाद क्यों, जानिए सबकुछ

अदा ने आगे कहा- मुझे ये सुनकर भी डर लगता है कि कुछ लोग इस फिल्म को प्रोपेगेंडा बता रहे हैं, जबकि ये सब सच है। मुझे यकीन नहीं होता कि लोग इस बात के पीछे पड़ गए हैं कि केरल से कितनी लड़कियां गायब हुईं। जबकि उन्हें इस बात का जस्टीफिकेशन देना चाहिए कि केरल से ये लड़कियां गायब कैसे हुईं।

फिल्म के इसी दावे को लेकर विवाद सबसे अधिक बढ़ रहा है. इसे लेकर कांग्रेस समेत अन्य दल भी आरोप लगा रहे हैं और कह रहे हैं कि ये फिल्म सिर्फ एक एजेंडा है और इसके जरिए सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है.

‘कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ‘द केरला स्टोरी’ के टीजर पर आपत्ति जताई और फिल्म के एक पोस्टर को ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘ये शायद आपके केरल की स्टोरी हो सकती है, हमारे केरल की नहीं.

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भी ‘द केरला स्टोरी’ के निर्माताओं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पहली नज़र में इस फिल्म का ट्रेलर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पैदा करने और राज्य के खिलाफ नफरत फैलाने के कथित उद्देश्य से ‘जानबूझकर निर्मित’ लगता है. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद, दुनिया के सामने राज्य को अपमानित करने के लिए फिल्म के मुख्य आधार के रूप में केरल को दिखाया गया है.

वहीं 32,000 महिलाओं के जबरन धर्म परिवर्तन कराने की बात कही जाने के बाद कुछ संगठनों ने दावे को साबित करने के लिए नकद पुरस्कारों का ऐलान कर दिया है।

मुस्लिम यूथ लीग के प्रमुख पी.के. फिरोज ने कहा कि अगर फिल्म बनाने वाले यह साबित कर दें कि कहानी वास्तव में सही है तो वे उन्हें एक करोड़ रुपये देंगे।

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दूसरी घोषणा एक ब्लॉगर के. नजीर हुसैन ने की। उन्होंने कहा कि जो इस बात का सबूत पेश कर सकता है कि महिलाओं का धर्मातरण किया गया और उन्हें इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया, उसे वह 10 लाख रुपये देंगे।

वहीं, वकील और अभिनेता शुक्कुर ने भी फेसबुक पर लिखा था कि वह किसी को भी 11 लाख रुपये देंगे, जो केरल की उन महिलाओं का नाम बताएगा, जिनका धर्मातरण किया गया था और फिर वे इस्लामिक स्टेट में शामिल हो गईं।

इस बीच जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने फिल्म के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस संगठन ने उच्चतम न्यायालय से फिल्म की रिलीज (पांच मई) पर रोक लगाने की मांग की है।

वहीं दूसरी तरफ सेंसर बोर्ड ने फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को ‘ए’ सर्टिफिकेट के साथ रिलीज करने की अनुमति तो दे दी है लेकिन उस से पहले फिल्म से 10 सीन पर कैंची भी चला दी है, जिनमें केरल के एक पूर्व मुख्यमंत्री के इंटरव्यू समेत कई सीन शामिल हैं. फिल्म में कुछ डायलॉग को भी आपत्तिजनक मानते हुए फिल्म से हटा दिया गया है.

द करेल स्टोरी में अदा शर्मा लीड रोल निभा रही हैं. फिल्म में अदा के अलावा सोनिया बलानी, योगिता बिहानी और सिद्धि इडनानी भी अहम किरदारों में हैं. ये फिल्म 5 मई को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है. इसका निर्देशन सुदीप्तो सेन ने किया है और इसके निर्माता विपुल अमृतलाल शाह हैं.

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